Not known Details About बबूल के फायदे और नुकसान





इस गोंद का ज्यादा सेवन करने से कुछ लोगों में श्वसन सम्बन्धी समस्याएं पैदा हो सकती है।

ककोड़ा के फायदे और नुकसान

बबूल के गोंद का पानी पिलाने से अतिसार और रक्तातिसार मिटता है अर्थात दस्त और खूनी दस्त मिटते हैं।

इसके अलावा बराबर-बराबर मात्रा में बबूल या कीकर की फली, त्रिफला (आमलकी, हरीतकी, बहेड़ा) तथा व्योष (सोंठ, मरिच, पिप्पली) के चूर्ण लें। इसमें बराबर मात्रा में गुग्गुलु मिलाकर सेवन करें। इससे भी हड्डियों के टूटने की बीमारी में मिलता है।

बालों को सेट करने के लिए हेयर स्प्रे लगाया जाता है लेकिन बहुत से लोग इसे मेकअप सेटिंग स्प्रे की तरह इस्तेमाल करने की कोशिश करते हैं.

ये चीजें त्वचा को नुकसान पहुंचाने का काम करती हैं.

बबूल के गोंद, छाल और उसके फली को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें और इसे कुछ दिनों तक रोजाना दिन में तीन click here बार लें। कमर के दर्द में इससे काफी आराम मिल सकता है।

बबूल के इस्तेमाल की मात्रा इतनी होनी चाहिएः-

दस्त को बंद करने के लिए बबूल के पत्तों से बने पेस्ट को जल में घोलकर पिएं। इससे फायदा होता है।

शरीर के किसी अंग में जलन हो रही हो तो बबूल की छाल का काढ़ा बना लें। इसमें मिश्री मिलाकर पीने से जलन शांत होती है।

आयुर्वेद जड़ीबूटी जड़ीबूटी आयुर्वेदिक उपचार

(और पढ़े – टूटते बालों से हैं परेशान तो अपनाएं ये घरेलू उपाय)

तो चलिए एक-एक करके जानते हैं इन स्कीम्स के बारे में...

इसलिए नियमित रूप से बबूल गोंद का थोड़ी सी मात्रा में सेवन करने से यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है और पाचन तंत्र ठीक होने से पेट संबंधी समस्याएं उत्पन्न नहीं होती।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *